फरीदकोट : भारतीय किसान यूनियन के एकता सिद्धूपुर के प्रदेश अध्यक्ष जगजीत सिंह डल्लेवाला ने शुक्रवार को फरीदकोट में संयुक्त किसान मोर्चा के वकील प्रेम सिंह भंगू ने प्रेस कान्फ्रेंस करके जिसमें बलबीर सिंह राजेवाला भी शामिल है, उन्होंने (डल्लेवाला) पर आरोप लगाए थे कि मोर्चा के 56 लाख रुपए के फंड का हिसाब नहीं दिया गया जो उनके पास पड़े हैं। इस संबंधी उन्होंने स्पष्टीकरण देते कहा कि यह आरोप बेवुनियाद हैं क्योंकि यह फंड उनकी जत्थेबंदी के नहीं ब्लकि और 2 जत्थेबंदियों के थे, जो मोर्चा की खर्चा कमेटी के फैसले अनुसार समय-समय पर बांटे गए। इस संबंधी सभी लिखित रसीदें उनके पास हैं।
इस मौके पर उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चा के विभिन्न जत्थेबंदियों के कई गंभीर आरोप लगाए जिनकी मिसाल देते उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले कर्नाटक संयुक्त किसान मोर्चा की एक जत्थेबंदी के नेता चंदर शेखर का नाम लेकर टी.वी. चैनल पर खबर चलती है जिसमें खुलासा किया गया कि दिल्ली का किसान मोर्चा खत्म करवाने के लिए जत्थेबंदियों की केंद्र सरकार के साथ गुप्त मीटिंगें हुई और 3000 करोड़ रुपए की डील हुई थी।
इस खबर के बाद उक्त किसान नेता को जत्थेबंदी से बाहर कर दिया गया था परंतु उसकी बात कहीं न कहीं इस बात का विश्वास दिलाती है कि कैसे दिल्ली में किसान धरना खत्म करवाने के लिए जत्थेबंदी नेताओं ने जिद्द पकड़ ली थी जबकि जत्थेबंदी व कुछ अन्य जत्थेबंदियां पूरी मांगें माने जाने तक मोर्चा जारी रखने के हक में थे। हालांकि 3000 करोड़ रुपए वाली डील संबंधी स्थिति साफ नहीं हुई परंतु इस तरह एकदम धरना समाप्त करने का ऐलान कर दिया, उससे लग रहा है कि कहीं न कहीं इस बात में कोई सच्चाई है और इस बात का डर है कि यदि सारी बात बाहर आई तो डल्लेवाला की जत्थेबंदी उन पर सवाल खड़े करेगी, इसीलिए उन्होंने 56 लाख रुपए के फंडों का आरोप लगाकर दबाना चाहते हैं परंतु वह फिर साफ करते हैं कि उनकी तरफ से एक-एक पैसे का हिसाब लिखित रूप में दिया गया है, जो आरोप उन पर लगाए गए हैं वह बिना आधार के हैं।