वाशिंगटन: राष्ट्रपति जो बाइडेन नीत अमेरिकी सरकार का कहना है कि वह रूस से दूरी बनाने के दौरान भारत के साथ मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध है। व्हाइट हाउस के अनुसार, ऐसे कई देश हैं जिन्होंने इस कठिन तथ्य को पहचान लिया है कि रूस ऊर्जा या सुरक्षा क्षेत्र में विश्वसनीय स्रोत नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने मंगलवार को दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जब रूस के साथ भारत के संबंधों की बात आती है, तो अमेरिका ने लगातार यह स्पष्ट किया है कि यह एक ऐसा रिश्ता है, जो कई दशकों में विकसित और मजबूत हुआ है। और वास्तव में यह शीत युद्ध के दौरान बना और मजूबत हुआ जब अमेरिका, भारत के लिए आर्थिक, सुरक्षा व सैन्य भागीदार बनने की स्थिति में नहीं था।
भारत एक बड़ा देश है, एक विशाल देश है, एक बड़ी अर्थव्यवस्था है जिसकी कई जरूरते हैं।” प्राइस ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘इसलिए, भारत से जिस बदलाव व पुनर्व्यवस्था की उम्मीद करते हैं, उसको लेकर मौजूदा प्रशासन भारत के साथ काम करने को लेकर प्रतिबद्ध है। यह न केवल मौजूदा प्रशासन के लिए बल्कि आने वाली सरकारों के लिए भी महत्वपूर्ण होगा।” भारत द्वारा रूस से तेल की खरीदी पर किए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अमेरिका ने तेल और गैस, ऊर्जा क्षेत्र को लेकर रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों में छूट सोच-समझकर दी है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में ऊर्जा की अत्यधिक मांग है वह रूस से तेल और ऊर्जा के अन्य स्रोत हासिल करता है यह कोई ऐसी चीज नहीं है जो लगाए गए प्रतिबंधों के विरुद्ध हो।”