अमृतसर। संवाददाता। पंजाब विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवा ने खुद को गुरु का निमाना सिख और गलती का पुतला बता सचखंड श्री हरमंदिर साहिब में लिखित माफी मांगी। संधवा पंजाब विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद शनिवार रात पहली बार श्री दरबार साहिब में नतमस्तक होने पहुंचे। उन्होंने सच्चे पातशाह वाहेगुरु के समक्ष अरदास की और अपनी गलती के लिए माफी मांगी।
बता दें कि कुलतार सिंह संधवा विधानसभा का अध्यक्ष बनने के एलान के बाद वह बठिंडा स्थित गौशाला पहुंचे थे। वहां गौ पूजा के बाद पंडित से अपनी दस्तार (पगड़ी) पर गौ की पूंछ मरवा कर आशीर्वाद लिया था। इसके बाद से ही सिखों में इस घटना का विरोध शुरु हो गया था। सचखंड श्री हरमंदिर साहिब में पहुंच कर उन्होंने कहा कि वे अपनी गलती की माफी मांगने और गुरुओं का आशीर्वाद लेने आए हैं।
संधवा ने सचखंड श्री हरमंदिर साहिब में नतमस्तक होने के बाद श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को अपनी उक्त गलती के लिए लिखित माफीनामा सौंपा। माफीनामा में उन्होंने लिखा कि वे सभी धर्मों का आदर करते हैं और गौशाला के दौरे के दौरान हालात ही ऐसे बन गए थे कि पुजारी ने मेरी दस्तार के ऊपर गऊ की पूंछ छुहाई। इसके लिए उन्होंने सिख पंथ और सिख जगत से क्षमा का याचक होने की बात कह खुद को दास बताया और पंथ से क्षमा मांगी है। उन्होंने कहा कि सच्चे पातशाह की उन पर अपार बख्शिश है, तभी वह आज इस मुकाम पर पहुंच पाए हैं। उन्हें बहुत बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है और उनमें से पंथ की रक्षा करना भी शामिल है।