लुधियाना। वर्धमान ग्रुप के चेयरमैन और मालिक एसपी ओसवाल के साथ हुई सात करोड़ रुपये की ठगी के मामले में आरोपियों से पूछताछ के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। आरोपियों ने एसपी ओसवाल को पूरी तरह से झांसे में लेने के लिए वीडियो कॉल की, जिसमें एक आरोपी अधिकारी बनकर बैठा था और उसके पीछे सीबीआई और अन्य एजेंसियों के लोगो लगे थे। इसके साथ ही आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट का नकली कोर्ट रूम भी तैयार किया था, जिसमें जज और वकील तक जाली थे।
आरोपियों ने डिजिटल गिरफ्तारी का नाटक कर बाकायदा पेशी भी करवाई, जैसे असली कोर्ट रूम में सवाल-जवाब होते हैं। उन्होंने एसपी ओसवाल को धमकी दी कि अगर वह गिरफ्तारी से बचना चाहते हैं, तो उन्हें आरोपियों के साथ सहयोग करना होगा। इस डर में आकर ओसवाल ने आरोपियों को सात करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए। जब उन्हें इस ठगी का एहसास हुआ, तो वह भी चकित रह गए कि इस तरह की ठगी भी हो सकती है।
आरोपियों ने फिल्मी अंदाज में इस वारदात को अंजाम दिया। मामले में गिरफ्तार अंतनू चौधरी और आनंद चौधरी को अदालत में पेश कर जेल भेज दिया गया। वहीं, अन्य आरोपी निम्मी भट्टाचारियां, अलोक रंगी, गुलाम मनतोजा, संजय सूत्राधार, रिंटू, रूमी कलिता, और जाकिर अभी भी फरार हैं। पुलिस की टीमें उनकी तलाश में लगातार दबिश दे रही हैं।
टेक्निकल तरीके से दी वारदात को अंजाम
साइबर सेल के इंचार्ज इंस्पेक्टर जतिंदर सिंह ने बताया कि आरोपियों ने इस ठगी को बेहद तकनीकी तरीके से अंजाम दिया है। उनके पास एसपी ओसवाल की पूरी जानकारी थी, यहां तक कि उन्हें यह भी पता था कि ओसवाल के खाते में कितने पैसे हैं। इससे आशंका जताई जा रही है कि किसी बैंक कर्मचारी ने आरोपियों को यह जानकारी लीक की थी। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि आरोपियों के पास यह जानकारी और रिकॉर्ड कैसे पहुंचे।
जल्द होगी आरोपियों की गिरफ्तारी
इंस्पेक्टर जतिंदर सिंह ने कहा कि फरार आरोपियों का पूरा रिकॉर्ड पुलिस के पास आ चुका है, जिसमें उनकी पूरी जानकारी और फोटो भी शामिल हैं। पुलिस जल्द ही उन्हें गिरफ्तार करेगी। अन्य राज्यों में रहने वाले इन आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए संबंधित राज्यों की पुलिस से भी संपर्क किया जा रहा है, ताकि इन्हें जल्दी पकड़ा जा सके।