
हम कोई भी कर्म करें उसका फल हमें मिलता ही हैं -श्वेता भारती जी

जनगाथा / होशियारपुर / दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान गौतम नगर में स्थित आश्रम की और से धाार्मिक कार्यक्रम किया गया। जिसमें संस्थान के संस्थापक एवं संचालक श्री आशुतोष महाराज जी के शिष्या साध्वी सुश्री श्वेता भारती जी ने कहा कि किसी कर्म द्वारा हम भगवान की ओर बढ़ते हैं तो वह सत् कर्म द्वारा हम नीचे गिरते है आगे उन्होनें कहा कि हमारे शास्त्र हमें बताते हैं कि हमें क्या करना चाहिए और क्या नही करना चाहिए । शास्त्र कहता है कि हम कोई भी कर्म करें उसका फ ल हमें मिलता ही हैं प्रकृति की काई भी व्यक्ति उसे कल उत्पन्न करने से नही रोक सकती। हम यह भी भूल चूके है कि संसार का उपकार करना अपना ही उपकार करना है। दूसरों के लिए किये गये कर्म का मुख्य फ ल हैं। अपनी स्वयं की आत्मशुद्वि। दूसरों कीे प्रति निरन्तर भलाई करते रहने से हम स्वयं में भूलने का प्रयत्न करते रहते हैं। अंत में उन्होनें कहा किसी मनुष्य ने चाहे एक भी दर्शनशास्त्र न पढ़ा हो किसी प्रकार की प्रार्थना न की हो, परन्तु अगर वह सत्यकार्यो में लगा रहे। अपना जीवन दूसरों के लिए अर्पण करता हैं। लोगों की भलाई करता है, तो वह भी उसी अवस्था में पहुँच जाऐगा। यहां एक ज्ञानी ज्ञान द्वारा पहुँचता हैं। दूसरों की शारीरिक आवश्यकताओं की पुर्ति करके उनकी सहायता करना अच्छा कार्य है। परन्तु आध्यात्मिक सहायता महान कार्य है अत: हमें किसी प्रकार की भलाई करते समय यह जरूर याद रखना चाहिए हमारा कर्म निष्काम हो और आशक्ति रहित हों।