– साइंस सिटी ने मनाया वन महोत्सव, अधिकारी बोले- चिकित्सक व खूशबूदार पौधे लगाने की जरुरत

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कपूरथला : पुष्पा गुजराल साइंस सिटी की ओर से वन महोत्सव के दौरान “व्यापारिक महत्ता बारे िचकित्सक व खुशबूदार पौधों तक पहुंच व संभावनाएं’ विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया। जिसमें राज्य भर के 80 के करीब विद्यार्थियों ने भाग लिया।
साइंस सिटी की डायरेक्टर जनरल डा.नीलिमा जेरथ ने बताया कि जंगलों की दृष्टि से भारत का नाम दुनिया के 10 विशाल जंगली विभिन्नता वाले चोटी के देशों में आता है और जंगलों को बचाने के लिए जीव जन्तुओं को बचाना बेहद जरुरी है। वन महोत्सव मनाने का उद्देश्य आलमी तपिश से बचने के लिए लोगों को अधिक से अधिक वृक्ष लगाने की तरफ प्रेरित करना है और साइंस सिटी इस तरफ हमेशा यत्नशील रहा है। यहां जैविक विभिन्नता को दर्शातें हर्बल व दवाईयां जड़ी बूटियों के गार्डन बनाए गए है। इनके अलावा साइंस सिटी में पंजाब के पुरातन सभ्याचारक को दर्शातें 5500 के करीब वृक्ष भी लगाए गए है। जोकि आसपास पर्यावरण प्रदूषण मुक्त करने में अहम रोल अदा करते है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की ओर से कई प्रयत्न किए जा रहे है, ताकि पंजाब को जंगलों ks अंतर्गत क्षेत्र रकबा 6.12 फीसदी बढ़ा कर 15 फीसदी किया जा सके। इसके साथ ही कुदरत की संभाल के साथ-साथ जैविक विभिन्नता के स्त्रोतों की भी संभाल की जा रही है। क्योंकि यह स्त्रोत भविष्य की बहुत सी दवाईयों के स्त्रोत है। इसके अलावा राज्य में दुर्लभ व लुप्त हो रहे जीव जन्तुओं बारे लोगों को जागरुक करने के प्रयत्न किए जा रहे है। साइंस सिटी में जैविक विभिन्नत की संभाल व हरे भरे पंजाब की महत्ता को दर्शाती तंदरुस्त मिशन पंजाब की एक गैलरी भी बनाई गई है।
वेबिनार दौरान नौनी सोलन में स्थित बागवानी व जंगलात वाई एस.परमार यूनिर्वसिटी के जंगलात कालेज के प्रभारी प्रोफैसर मीनू सूद मुख्य प्रवक्ता के तौर पर उपस्थित हुई। डा.सूद ने हमारी सेहत व तंदरुस्ती के लिए चिकित्सक जड़ी बूटियां व खुशबूदार पौधों क महत्ता पर विशेष जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चिकित्सक जड़ी बूिटयों के रिवायती व मानवीय नस्लों के ईलाज के लिए लंबे समय से दवाईयां विश्व स्तर पर की जा रही है। खुशबूदार पौधे जहां महक व स्वाद के लिए उगाए जाते है, वहं साथ ही साथ इनका प्रयोग बीमारियों के ईलाज के लिए भी किया जाता है। खुशबूदार रसायण वृक्षों की जड़े, लकड़ी, पत्ते, फल, फूल, बीज व अन्य हिस्सों में मौजूद होता है। जिस तरह चिकित्सक व खुशबूदार पौधों को मान्यता दी जा रही है। भविष्य में यह बहुत अहम भूमिका निभाएंगे। कोविड महामारी के दौरान खुशबूदार व चिकित्सक पौधे जैसे कि अदरक, पुदीना, लाइम के वृक्ष, हरी चाय व उड़ीहिंदी आदि के सेवन में 76 फीसदी बढ़ौतरी दर्ज की गई है।

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