डा. राज ने प्रैसवार्ता कर विरोधी नेताओं को एससी स्कालरशिप पर बहस का दिया बुलावा

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    होशियारपुर, जनगाथा टाइम्स: (सिमरन)

    विधायक चब्बेवाल व चेयरमैन पंजाब प्रदेश एससी कमिशन के चेयरमैन डा. राज कुमार द्वारा बीती शाम चंडीगढ़ में प्रैसवार्ता की गई। जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार और पंजाब में भाजपा के नेताओं को एससी पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप पर आढ़े हाथों लिया। डा. राज कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से यह स्कीम तहत 1563 करोड़ रुपए बकाया हैं। जिसमें सरकारी विभागों का 321.44 करोड़ और प्राईवेट विभागों का 1084 करोड़ हैं। उन्होंने कहा कि दलित बच्चों को पढ़ाई के लिए माली सहायता देने की सोच के साथ यूपीए के कार्यकाल समय तत्कालीन प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने 2007 में शुरू की जो 2017 तक चली और लाखों दलित विद्यार्थियों ने इस स्कीम तहत उच्च शिक्षा प्राप्त की।

    डा. राज कुमार ने इसको दुखदाय और शर्मनाक बताया कि 2017 से 2020 तक खुद दलित हितैषी बताने वाली भाजपा सरकार ने इसको बिना मंथन किए बंद कर दिया। अब जब 2020 में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने दलित विद्यार्थियों के लिए बी.आर अंबेडकर पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप स्कीम की घोषणा की तो अपनी कीमती वोट बैंक छीनने के डर से और कैप्टन की लोकप्रियता बढ़ने के डर से इन्होंमे 2020-21 में इस स्कीम को फिर से शुरू तो किया लेकिन प्रदेशों पर 40 प्रतिशत भार डाल दिया जोकि पहले सिर्फ 10 प्रतिशत था। पंजाब सरकार ने 2020-21 का इस स्कालरशिप स्कीम का बकाया पहली मार्च को जमा करवा दिया।

    मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर इस संबंधी दो डीओ प्रधानमंत्री को और दो डीओ सोशल जस्टिस और ऐम पावरमैंच मनिस्टर को लिख चुके हैं। डा. राज कुमार ने भाजपा नेता कैबिनेट मंत्री सोम प्रकाश और एससी कमिशन के चेयरमैन विजय सांपला को प्रशान किया कि स्कालरशिप स्कीम को लेकर उन्होंने कभी अधिकारी को व कभी किसी सैक्टरी को मंथन कर लेते हो, लेकिन आप खुद 2019 तक सोशल जस्टिस एंड एम पावरमैंट के एसओएस रहे हो उस कार्यकाल दौरान आप ने इस मुद्दे पर क्या किया। उन्होंने कहा कि सांपला जी अपने संबंधित यूनियन मंत्रियों को क्यों नहीं प्रैशर करते कि वह पंजाब का का पिछले तीन वर्ष का बकाया क्यों नहीं दिलवाया ता जो दलित विद्यार्थियों को उनका हक देकर उनका भविष्य अंधमयी होने से बचाया जा सके। जब वह अपने दलित समाज के लिए इतना भी नहीं कर सकें, वह किस मुंह के साथ दलित सीएम/ उप सीएम की बातें करते हैं। इसके साथ ही डा. राज कुमार ने अकाली दल पर भी निशाना साधते कहा कि सितंबर 2020 तक केंद्र सरकार का हिस्सा थे। बीबी हरसिमरत कौर बादल जो तब कैबिनेट मंत्री थी उन्होंने तब क्यों नहीं इन लाखों दलित विद्यार्थियों के हक की बात क्यों नहीं की।

    डा. राज ने सवाल किया कि क्यों इनमें कोई भी नेता आज भी इन दलित बच्चों के भविष्य के लिए केंद्र सरकार के साथ बात नहीं कर रहा। डा. राज ने अपील की कि इस महामारी कोविड के दौर में हम विद्यार्थियों की मुश्किलें और न बढ़ाए और केंद्र सरकार के साथ यह मुद्दे उठाए कि वह इस पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप का बकाया जल्दी रिलीज करवाकर इन बच्चों के रोल नंबर रिलीज किए जाए ताकि यह बच्चे अपनी परीक्षा दे सके और अपनी पढ़ाई पूरी तरह अपना भविष्य बेहतर बना सके। जंग बहादर को चेयरमैन एससी विभाग के साथ प्रैसवार्ता दौरान डा. राज कुमार ने पत्रकारों के प्रशन का जवाब देते हुए विरोधी पक्ष के नेताओं को इस मुद्दे पर खुली बहस का बुलावा देते कहा कि वह साबित कर देंगे कि इस विषय पर केंद्र सरकार पूरी तरह दोषी हैं।

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