ज्ञान का उज्जवल प्रकाश आंगन के कोने-कोने को आलोकित कर देता है- साध्वी धर्मा भारती जी

    0
    126

    होशियारपुर(शाम शर्मा) दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से स्थानीय आश्रम गौतम नगर में धार्मिक कार्यक्रम करवाया गया जिसमें श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी सुश्री धर्मा भारती जी ने अपने प्रवचनों में कहा कि आज प्रत्येक मनुष्य का अत:करण अंधकारमय हैं। अज्ञानता के तम से आच्छादित है। हम सभी जानते है कि जहां अंधकार है, वहां ठोकरें है भटकन है , अशंाति है तभी हमारे ऋ षिगणों ने परम सता के समक्ष प्रार्थना रखी है प्रभु हमें अंधेरों से उजालों की तरफ ले चलो अग्नि का सब से मुख्य गुण हैं। प्रकाश से ज्यों ही अग्नि प्रज्वल्लित की जाती है उस से प्रकाश की किरणें शितरती है ये किरणें समस्त अंधकार को निगल लेती है अत: जहाँ अग्नि जलती है वहाँ अंधकार का साम्राज्य नही हो सकता । ठीक इसी प्रकार जब गुरू कृपा से एक जिज्ञासु के भीतर ब्रहाग्नि प्रकट होती है तो उस के भीतर व्याप्त अज्ञानता का अंधकार भी ठहर नही पाता । ज्ञान का उज्जवल प्रकाश उस के हदय आंगन के कोने-कोने को आलोकित कर देता है फ लस्वरूप साधक के जीवन में भटकन नही रहती अपितु उसका प्रत्येक कदम मंजिल अर्थात परमात्मा या शाश्बत आंनद की दिशा मे बढ़ता है और ब्रह्यज्ञान मे दीक्षित हुआ साधक जब निरंतर ध्यान -साधना करता है तो धीरे -धीरे ज्ञानाग्नि मे उस के विकार , कुविचार, दुर्भविनाएँ दग्ध होने लगती हैं वह मपनसिक रोगों और मलिनता से छुटकारा पा सकता है। जो साधक जितना ज्यादा इस अग्नि मे अपने आपको तपाता है वह उतना ही शुद्व निर्मल और पविन्न होता जाता है।

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here