जगराओं गोली कांड में ए.एस.आईज़ की हत्या के मामले में गैंगस्टर और नशा-तस्कर जयपाल भुल्लर के दो साथी गिरफ्तार

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    चंडीगढ़ : पंजाब पुलिस ने 15 मई को जगराओं की अनाज मंडी में सी.आई.ए. के सहायक सब इंस्पेक्टरों (एएसआईज़) भगवान सिंह और दलविन्दरजीत सिंह की गोलियाँ मारकर हत्या करने के मामले में दो मुख्य दोषियों को गिरफ़्तार किया है।
    संदिग्ध व्यक्तियों बलजिन्दर सिंह उर्फ बब्बी जोकि गाँव माहला खुर्द, मोगा का निवासी है और दर्शन सिंह जोकि जि़ला लुधियाना के गाँव सहौली का निवासी है, जिन पर दो-दो लाख रुपए का इनाम रखा गया था, गैंगस्टर और नशा-तस्कर जयपाल भुल्लर के साथी हैं, जिनको शुक्रवार शाम ग्वालियर (एम.पी.) के डाबरा से काबू किया गया। उनका एक और साथी हरचरन सिंह, जिसने उनको कथित तौर पर पनाह दी थी, को भी गिरफ़्तार कर लिया गया है।
    डी.जी.पी, पंजाब दिनकर गुप्ता द्वारा जांच संबंधी विवरण देते हुए बताया गया कि संदिग्ध व्यक्तियों की प्राथमिक पूछताछ से पता लगा है कि घटना वाले दिन जयपाल और जस्सी को राज्य से बाहर सुरक्षित किसी टिकाने पर ले जाने के लिए बलजिन्दर जगराओं की अनाज मंडी में अपने कैंटर पर आया, जहाँ दर्शन उक्त गैंगस्टर और उसके साथी के लिए कुछ कपड़े लेकर आया। श्री गुप्ता ने बताया कि सी.आई.ए. के दो एएसआईज़ जो उस समय पर ड्यूटी पर थे, को कैंटर गाड़ी में नशीले पदार्थ देखकर शक हुआ और उन्होंने चालक को रोकने की कोशिश की।
    उन्होंने आगे बताया कि जब दोषियों को पुलिस ने घेरा तो दर्शन ने अपनी 0.32 पिस्तौल से एएसआईज़ पर गोलियाँ चला दीं और बाद में जयपाल और जस्सी के साथ आई-10 हुंडयी कार में मौके से फऱार हो गया। बब्बी कैंटर गाड़ी में घटना स्थल से फऱार हो गया और आगे कुछ दूरी पर जाकर अपने साथियों के साथ मिल गया और फिर सभी दोषी हरियाणा और राजस्थान की तरफ निकल गए।
    डी.जी.पी. ने बताया कि पड़ताल के दौरान ख़ुफिय़ा जानकारी मिली थी कि संदिग्ध व्यक्ति मध्य प्रदेश के ग्वालियर और आस-पास के इलाके में छिपे हो सकते हैं। इंस्पेक्टर पुशपिन्दर सिंह के नेतृत्व अधीन संगठित अपराध रोकथाम इकाई (ओ.सी.सी.यू.) की एक टीम को अगली जांच-पड़ताल के लिए तुरंत मध्य प्रदेश भेजा गया। उन्होंने बताया कि कुछ दिनों की मुशक्कत के बाद, ओ.सी.सी.यू. की टीम संदिग्ध व्यक्तियों का पता लगाने में सफल रही और उनको बीती शाम ग्वालियर के नज़दीक डाबरा रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म से गिरफ़्तार कर लिया गया। श्री गुप्ता ने बताया कि संदिग्ध व्यक्ति रेलगाड़ी में महाराष्ट्र जाने की योजना बना रहे थे।
    गुप्ता ने कहा कि गिरफ़्तार किए गए दोनों व्यक्तियों का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड है और दोनों को पहले भी दो अलग-अलग कत्ल के मामलों में दोषी ठहराया गया था। दरअसल वह जेल में सज़ा भुगतने के दौरान एक दूसरे के संपर्क में आए थे। जब कि दर्शन को अपनी सज़ा के दौरान छूट मिल गई थी, वहीं बलजिन्दर सिंह को सैशन कोर्ट, मोगा द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद हाइकोर्ट से ज़मानत मिल गई थी। दर्शन के खि़लाफ़ कथित तौर पर दो अन्य आपराधिक मामले दर्ज हैं और हाल ही में वह अफ़ीम की तस्करी में भी शामिल पाया गया था।
    डीजीपी ने कहा कि जयपाल भुल्लर उन कुछ गिने-चुने गैंगस्टरों में से एक है, जो अब तक गिरफ़्तारी से बचे हुए हैं। हालाँकि उसके करीबी साथी गैवी जिसके वह ज़्यादा समय तक साथ रहा, को पिछले महीने पंजाब पुलिस ने जमशेदपुर से गिरफ़्तार कर लिया था। गैवी जालंधर जि़ले में 11 किलो हेरोइन की बरामदगी के मामले में वांछित था।
    जयपाल और गैवी दोनों के पाकिस्तान और जम्मू आधारित नशा-तस्करों के साथ नज़दीकी सम्बन्ध हैं। उनका एक अन्य साथी जसप्रीत उर्फ जस्सी, जो जगराओं गोलीबारी के बाद फऱार है, को पहले मोहाली में हेरोइन की तस्करी के एक केस में गिरफ़्तार किया गया था और वह अगवा करने के केस में भी वांछित है।
    डी.जी.पी. ने आगे बताया कि फऱार संदिग्ध व्यक्तियों की खोज बड़े स्तर पर जारी है और उनको विश्वास है कि उनको भी जल्द ही गिरफ़्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने दोहराया कि दो बहादुर एएसआईज़ का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और पुलिस फोर्स सभी दोषियों को पकडऩे के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि जयपाल भुल्लर और जसप्रीत उर्फ जस्सी बाबा की गिरफ़्तारी के लिए क्रमवार दस लाख और पाँच लाख रुपए का इनाम रखा गया है।
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