
युवाओं पर आम आदमी पार्टी के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए कांग्रेस ने भी अपनी चुनावी रणनीति में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए डिजिटल आर्मी तैयार की है। कांग्रेस भी मान कर चल रही है कि विधानसभा चुनाव में उसका मुख्य मुकाबला आप से ही होगा। जिसके लिए नए तरीके से रणनीति बनाई गई है।
प्रशांत किशोर की आई-पैक ने पंजाब के सभी 22 जिलों में करीब बारह सौ कॉलेज कैप्टन बनाए हैं। ये न तो किसी सियासी पार्टी और न पार्टियों की विंग से जुड़े हैं। ये निष्पक्ष, पढ़े-लिखे युवा हैं जोकि अपनी मर्जी से कैप्टन के लिए कैंपेन करने को राजी हुए हैं। ये लोग सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों के जरिए आई-पैक से जुड़े थे। आई-पैक की टीम ने इन्हें विशेष ट्रेनिंग दी है। इन्हें कैप्टन के सीएम कार्यकाल की उपलब्धियों की जानकारी दी गई।
साथ ही यह बताया गया कि तब पंजाब कैसा था और आज कहां पहुंच गया है। आई-पैक के साइबर और डिजिटल एक्सपर्ट्स ने युवाओं को बताया कि कैसे वे सोशल मीडिया का बेहतर ढंग से इस्तेमाल कर सकते हैं। किस तरह यह समाज में बदलाव लाने में सहायक हो सकता है। ग्रामीण बैकग्राउंड वाले युवाओं को खासतौर पर ट्विटर, इंस्टाग्राम और स्नैप चैट के बारे में ट्रेनिंग दी गई।
आई-पैक ने इन्हें ऑनग्राउंड और डिजिटल कैंपेन के लिए तैयार किया है। ताकि ये अपने परिजनों, दोस्तों से लेकर हलके स्तर पर कांग्रेस के पक्ष में मुहिम चला सकें। अब ये बारह सौ युवाओं की फौज आई-पैक की सभी कैंपेन में जमीनी स्तर पर सहयोग कर रहे हैं। साथ ही सोशल मीडिया के जरिए पंजाब के लिए कैप्टन का विजन और एजेंडा आगे बढ़ा रहे हैं।
युवाओं पर आम आदमी पार्टी के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए कांग्रेस ने भी अपनी चुनावी रणनीति में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए डिजिटल आर्मी तैयार की है। कांग्रेस भी मान कर चल रही है कि विधानसभा चुनाव में उसका मुख्य मुकाबला आप से ही होगा। जिसके लिए नए तरीके से रणनीति बनाई गई है।
प्रशांत किशोर की आई-पैक ने पंजाब के सभी 22 जिलों में करीब बारह सौ कॉलेज कैप्टन बनाए हैं। ये न तो किसी सियासी पार्टी और न पार्टियों की विंग से जुड़े हैं। ये निष्पक्ष, पढ़े-लिखे युवा हैं जोकि अपनी मर्जी से कैप्टन के लिए कैंपेन करने को राजी हुए हैं। ये लोग सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों के जरिए आई-पैक से जुड़े थे। आई-पैक की टीम ने इन्हें विशेष ट्रेनिंग दी है। इन्हें कैप्टन के सीएम कार्यकाल की उपलब्धियों की जानकारी दी गई।
साथ ही यह बताया गया कि तब पंजाब कैसा था और आज कहां पहुंच गया है। आई-पैक के साइबर और डिजिटल एक्सपर्ट्स ने युवाओं को बताया कि कैसे वे सोशल मीडिया का बेहतर ढंग से इस्तेमाल कर सकते हैं। किस तरह यह समाज में बदलाव लाने में सहायक हो सकता है। ग्रामीण बैकग्राउंड वाले युवाओं को खासतौर पर ट्विटर, इंस्टाग्राम और स्नैप चैट के बारे में ट्रेनिंग दी गई।
आई-पैक ने इन्हें ऑनग्राउंड और डिजिटल कैंपेन के लिए तैयार किया है। ताकि ये अपने परिजनों, दोस्तों से लेकर हलके स्तर पर कांग्रेस के पक्ष में मुहिम चला सकें। अब ये बारह सौ युवाओं की फौज आई-पैक की सभी कैंपेन में जमीनी स्तर पर सहयोग कर रहे हैं। साथ ही सोशल मीडिया के जरिए पंजाब के लिए कैप्टन का विजन और एजेंडा आगे बढ़ा रहे हैं।