नई दिल्ली। बच्चों के लिए पापा हमेश सुपरमैन होने है। उन्हें लगता है कि पापा उनकी हर ख्वाहिश पूरी कर देंगे। शायद इसीलिए पापा की जगह कोई नहीं ले सकता है। आपको शायद यकीन न हो लेकिन इस ‘फादर्स डे’ में एक पापा को 472 बेटियों की दुआ मिल रही है।
‘फादर्स डे’ पर महेश सावानी को मिली 472 बेटियों की दुआ
अहमदाबाद के कारोबारी महेश सावानी को 472 बेटियों से ‘फादर्स डे’ विशिज मिल रही हैं। दरअसल, ये वो बेटियां हैं जिन के सिर से पिता का साया उठ गया। किसी किसी कारणवश पिता का साथ छूट गया। इन बेटियो के लिए बिजनेसमैन सावानी पिता बनकर आगे आए और बीते कई वर्षों से बेटियों की शादियां करा रहे हैं।
सावानी 47 वर्ष के हैं। दस साल पहले जब सावानी ने अपने भाई को खो दिया तो भतीजियों के कन्यादान की जिम्मेदारी उनके कंधों पर थी। भतीजियों की शादी करते वक्त सावानी के मन में उन लड़कियों के प्रति संवेदना जागी जिनके पिता नहीं हैं। तभी उन्होंने प्रण कर लिया कि वे उन लड़कियों की शादियां कराएंगे और साल 2008 से हर साल सावानी इस शुभकाम में लगे हुए हैं। लड़कियों की शादी के बाद भी सावानी उनका खयाल रखते हैं।
सावानी मूल रूप से भावनगर के रापरदा गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता वल्लभभाई ने करीब 40 साल पहले शहर का रुख किया था और हीरे की पॉलिश करने का काम शुरू किया था। धीरे-धीरे उन्होंने हीरे का खुद का कारोबार डाल दिया। पिता की तरह सावानी को भी हीरे लुभाते हैं, उनकी रुचि स्कूलों में भी है और वो सच्चाई से प्यार करते हैं।
कारोबार और नेकदिली से संपन्न सावानी 4 लाख रुपए खर्च कर हर लड़की की शादी धूमधाम से करते हैं।
सावानी कहते हैं कि जिन बेटियों के सिर से पिता का साया उठ गया हो। ऐसी बेटियों शादी कराने के लिए मांओं के सामने बड़ी चुनौतियां होती है।
सावानी लड़कियों की शादी के लिए सोने-चांदी के आभूषणों के अलावा उनकी गृहस्थी चलाने के लिए कपड़े-बर्तन और इलेक्ट्रॉनिक सामान का भी बंदोबस्त करते हैं।
इस साल होगी 216 बेटियों की शादी
साल 2016 यानी इसी साल सावानी 216 लड़कियों की शादी कराने जा रहे हैं। सावानी को ये बात और महान बना देती है कि वे जाति-मजहब के आधार पर बेटियों का चुनाव नहीं करते है। वे हर धर्म की बेटियों के पिता हैं।