पीएम मोदी को पत्र लिखने वाले बच्चे को 11 साल से ब्लड कैंसर
11 साल के अंश को पिछले तीन सालों से ब्लड कैंसर है। उसके इलाज के लिए मां-बाप अपना सब कुछ बेच चुके हैं। अब हालत ये है कि परिवार के खाने तक को लाले पड़ गए हैं। इतना ही नहीं पैसे ख़त्म हो जाने की वजह से अब उसका इलाज भी रुक गया है। परिवार अब आयुर्वेदिक इलाज करवाने को विवश है। गोकुलपुर निवासी कृष्णदत्त और पूजा का इकलौता बेटा अंश अब मां-बाप के दुःख को नहीं देख पा रहा है। इसी वजह से उनसे सीएम अखिलेश और पीएम मोदी को पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई है।
ख़त में बच्चे ने लिखा है कि मैं जीना चाहता हूं। मुझे अभी दुनिया देखनी है। मुझे बचा लीजिए। अंश ने पत्र के माध्यम से कहा है कि परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी ख़राब हो चुकी है कि उसका एलोपैथिक इलाज अब रोक दिया गया है। अब उसका आयुर्वेदिक इलाज कराया जा रहा है। कृपया हमारी मदद करें। अंश के पिता मजदूर हैं और एक मार्बल फैक्ट्री में काम करते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि अंश के बचने की उम्मीद सिर्फ 10 फीसदी ही हैं।
इससे पहले वैशाली ने लिखा था मोदी को पत्र
20 मई को 6 साल की वैशाली ने पीएम मोदी को लेटर लिखा था। इसके साथ उसने अपनी स्कूल की आईडी और मोबाइल नंबर भी दिया था। 27 मई को पीएमओ ने यह लेटर देख पुणे के कलेक्टर सौरभ राव को इस बच्ची के इलाज को लेकर आदेश दिया था। इसके बाद प्रशासन के अधिकारी वैशाली के घर गए लेकिन उन्हें उसका पता नहीं चला। बाद में उसके स्कूल गए और वहां से उसका पता चला। वैशाली की औंध स्थित जिला सरकारी अस्पताल में जांच कराई गई। इसके बाद उसे 4 जून को रुबी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। जहां उसका सफल ऑपरेशन हुआ और उसे डिस्जार्च कर दिया गया।
इसके बाद वैशाली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिली मदद पर खुशी जताई थी। उसने कहा था कि मुझ जैसी एक आम बच्ची के लिए प्रधानमंत्री ने मदद दी इससे मुझे काफी खुशी हुई है। मैं पीएम मोदी जैसा बड़ा बनने की सोच रही हूं जिससे देश की सेवा कर सकूं।