-
चंडीगढ़ः पंजाब में शिक्षा की बुनियाद ही कमजोर है। प्रदेश प्रथामिक कक्षाअों में शिक्षकों की भारी कमी से जुझ रहा है। पंजाब के साथ ही शिक्षकों की कमी के लिहाज से झारखंड,उत्तर प्रदेश व बिहार सबसे बुरी स्थिति में है। इन राज्यों में 13 से 40 फीसदी तक शिक्षकों की कमी है। केंद्र सरकार स्कूली शिक्षा को रोजगारपरक बनाने पर जोर दे रही है अौर प्राथमिक कक्षाअों में शिक्षकों की कमी को दूर करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
इस समय देश भर में अाठ लाख पद खाली हैं। देश के 16 राज्य एेसे है.जिनमें शिक्षकों के 10 फीसदी से ज्यादा पद खाली हैं। इसी तरह प्राथमिक स्कूलों में प्रधानाध्यापक के 80 हजार पद खाली है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान सरकारी स्कूलों की इमारतों अौर निर्माण कार्य पर तो काफी ध्यान दिया गया है लेकिन इनकी गुणवक्ता को लेकर ज्यादा बदलाव नहीं अा सका है।
3 माह में 16 हजार शिक्षक होंगे भर्ती
पंजाब में लगभग 13 हजार प्राइमरी स्कूल हैं अौर ज्यादातर स्कूलों में दो से ज्यादा अध्यापक नहीं हैं। प्राइमरी से लेकर सैकेंंडरी तर राज्य में शिक्षकों के कुल लगभग 30 हजार पद खाली हैं। शिक्षा मंत्री दलजीत सिंह चीमा का कहना है कि अाने वाले तीन माह में सरकार शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए बड़े पैमाने पर भर्ती करेगी। शिक्षा विभाग 16 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में जुटा है। इसमें से 4500 ई.टी.टी.शिक्षकों की भर्ती पर हाईकोर्ट ने स्टे लगा रखा है।