करीब एक दशक पहले रशियन डॉक्टर्स ने कुछ ड्रग एडिक्ट्स की बॉडी पर निशान देखे। ये मगरमच्छ की स्किन की तरह दिखने वाले काले पड़ चुके मांस के धब्बे थे। हालांकि, उन्हें इसकी वजहें तलाशने में ज्यादा वक्त नहीं लगा। ये निशान क्रोकोडिल नाम से बदनाम ड्रग की वजह से थे, जिन्हें पेशेन्ट इंजेक्शन के जरिए ले रहे थे। 2002 से ये रूस ही नहीं दुनिया के तमाम हिस्सों में लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रही है। मेडिकल यूज के लिए किया गया इन्वेंट..
– ऑनलाइन तेजी से वायरल हुए इस फ्लैश ईटिंग ड्रग को – मेडिकल यूज के लिए 1932 में इन्वेंट किया गया।
– सबसे पहले स्विटजरलैंड और रूस में इसका इस्तेमाल खतरनाक किस्म के दर्द के ट्रीटमेंट के लिए होता था।
– 2002 में रूस से ये ड्रग दुनिया की नजरों में आई और बहुत तेजी से इसने साइबेरिया से लेकर पूरे देश के कब्जे में ले लिया।
– ये बाकी ड्रग्स से ज्यादा असरदार और सस्ती भी है, और हेरोइन के शौकीन के लिए विकल्प भी है।
– रूस पहले हेरोइन के नशे की परेशानी से जूझ रहा है।
– यहां हेरोइन के शौकीन जब ज्यादा दिनों तक इसका खर्च नहीं उठा पाते हैं, तो वो क्रोकडिल का नशा करने लगते हैं।
– किसी बाकी नशीले पदार्थों की तुलना में 20 गुना सस्ती होने के कारण काफी ज्यादा इस्तेमाल की जा रही है।
– ये कीमत में जितनी सस्ती है, उसके नुकसान उतने ही खतरनाक हैं।
– सबसे पहले स्विटजरलैंड और रूस में इसका इस्तेमाल खतरनाक किस्म के दर्द के ट्रीटमेंट के लिए होता था।
– 2002 में रूस से ये ड्रग दुनिया की नजरों में आई और बहुत तेजी से इसने साइबेरिया से लेकर पूरे देश के कब्जे में ले लिया।
– ये बाकी ड्रग्स से ज्यादा असरदार और सस्ती भी है, और हेरोइन के शौकीन के लिए विकल्प भी है।
– रूस पहले हेरोइन के नशे की परेशानी से जूझ रहा है।
– यहां हेरोइन के शौकीन जब ज्यादा दिनों तक इसका खर्च नहीं उठा पाते हैं, तो वो क्रोकडिल का नशा करने लगते हैं।
– किसी बाकी नशीले पदार्थों की तुलना में 20 गुना सस्ती होने के कारण काफी ज्यादा इस्तेमाल की जा रही है।
– ये कीमत में जितनी सस्ती है, उसके नुकसान उतने ही खतरनाक हैं।
क्रोकोडिल के नुकसान
– रूस में बेहद मशहूर यह ड्रग गैसोलीन, पेंट थिनर, तेल और अल्कोहल जैसे कोडेन और हाइड्रोकार्बन्स का मिक्सचर है।
– रूस में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल की जा रही इस खतरनाक ड्रग का असर बेहद घातक है।
– इस्तेमाल करने के एक महीने बाद ही इसका असर दिखने लगता है।
– नसों में इंजेक्ट करने के बाद यह टिश्यू को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देती है।
– ड्रग्स लेते समय अगर ये वेन में नहीं गई, तो मांस में सड़न शुरू हो जाती है।
– इसकी वजह से स्किन मोटी और काली धब्बेवाली मगरमच्छ के स्किन जैसी हो जाती है।
– रूस में बेहद मशहूर यह ड्रग गैसोलीन, पेंट थिनर, तेल और अल्कोहल जैसे कोडेन और हाइड्रोकार्बन्स का मिक्सचर है।
– रूस में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल की जा रही इस खतरनाक ड्रग का असर बेहद घातक है।
– इस्तेमाल करने के एक महीने बाद ही इसका असर दिखने लगता है।
– नसों में इंजेक्ट करने के बाद यह टिश्यू को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देती है।
– ड्रग्स लेते समय अगर ये वेन में नहीं गई, तो मांस में सड़न शुरू हो जाती है।
– इसकी वजह से स्किन मोटी और काली धब्बेवाली मगरमच्छ के स्किन जैसी हो जाती है।