होशियारपुर। भारत के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई का प्रगटावा बिल्कुल ठीक है कि देश की न्यायपालिका गंभीर खतरे में है और एक सोची समझी साजिश तहत अनैतिक आरोप किसी ऐसी बड़ी ताकत ने लगवाए हो सकते हैं जो देश की न्यायपालिका को कमजोर या खत्म करने की योजना कर रहे हों। यह विचार एडवोकेट इंदरपाल सिंह धन्ना पूर्व वाईस चेयरमैन बार कौंसिल पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सांझे किए। उन्होंने कहा कि जब भारत के चीफ जस्टिस अगले सप्ताह अहम मुकद्दमों की सुनवाई करने जा रहे थे तो एक ऐसी महिला जो पहले से ही अपराधिक गतिविधियों में लिप्त है, के द्वारा गोगोई पर ऐसे आरोप लगाना अपने आप में साफ जाहिर होता है कि यह सबकुछ न्याय प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए किया जा रहा है। महिला द्वारा लगाया गया ऐसा अनैतिक आरोप सारे समाज पर सवालिया चिन्ह लगाता है। क्योंकि गोगोई की ईमानदारी बोलती है और ऐसे आरोप से किसी ईमानदार व्यक्ति को मानसिक तौर पर परेशान करने का बहुत आसान तरीका है। ऐसी घटना न सिर्फ गोगोई पर अनैतिक, घटिया और सोची समझी साजिश तहत होता है बल्कि दुनिया की सबसे बड़े समूह के आजाद पिलर न्यायपालिका को गिराने संबंधी योजनाबद्ध साजिश है। उन्होंने बार कौंसिल आफ इंडिया के चेयरमैन मन्नण मिश्रा, अटार्नी जनरल के.के. वीणू गोपाल, सोलिस्टर जनरल तुषान मेहता द्वारा दिए ब्यानों का समर्थन करते हुए देश वासियों को अपील की कि ऐसी स्थिति में सयंम और सहज से काम लेकर देश की न्यायपालिका पर चोट करने वालों को करारा जबाब देना चाहिए।