इलाज करने की बजाय गुस्से में आ डाक्टर ने फाड़ी ओ.पी.डी. स्लिप

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    जनगाथा /  अमृतसर  /  गुरु नानक देव अस्पताल के सर्जी विभाग के एक डॉक्टर द्वारा मरीज के परिजनों से दुर्व्यवहार करने का मामला सामने आया है। परिजनों का आरोप है कि उनके बेटे का इलाज करने की बजाय डाक्टर ने गुस्से में आकर ओ.पी.डी. स्लिप फाड़ डाली व उन्हें भला-बुरा कहा। परिजनों ने मामले की शिकायत सर्जरी विभाग के प्रभारी से भी की है।
    हैप्पी निवासी गुरु नानक एवेन्यू ने बताया कि उनका 18 वर्षीय बेटा रिंकल बेडसोर नामक बीमारी से पीड़ित है। जब वह सवा साल का था, तब उसकी पीठ के नीचे एक फोड़ा हुआ था। एक निजी अस्पताल से इसका आप्रेट करवाया गया, लेकिन आप्रेशन के बाद उसके शरीर का निचला हिस्सा काम करना बंद कर गया, वह दिव्यांग हो गया। इसके बाद उसे बेडसोर बीमारी ने अपनी चपेट में ले लिया। 25 फरवरी को वह रिंकल को गुरु नानक देव अस्पताल में ले आए। यहां उसे मैडीसिन वार्ड में दाखिल करवाया गया।

     

    मैडीसिन वार्ड के डॉक्टरों ने उसका उपचार शुरू किया। 8 मार्च को डाक्टरों ने कहा कि रिंकल को सर्जरी विभाग के डाक्टर को भी दिखाना पड़ेगा।
    वह सर्जरी विभाग के डाक्टर के पास गया और उससे कहा कि रिंकल बिस्तर से उठ नहीं सकता, इसलिए आप मैडीसिन वार्ड में चलें। इस पर डाक्टर ने कहा कि वह अभी बहुत बिजी हैं, इसलिए कुछ देर बाद आएगा। इसके बाद में उसके पास कई बार गया, पर वह नहीं आया। सोमवार को रिंकल को लेकर डॉक्टर के पास पहुंचा। उसने वहीं रटा रटाया जवाब दिया कि अभी पेशेंट ज्यादा है।  वह बाद में आएगा। इस पर उसने डॉक्टर से कहा कि वह उसे हर रोज परेशान कर रहा है।

     

    आपके पास मरीज हैं, लेकिन वह भी मरीज देखने के लिए ही कह रहा है। इस बात से डॉक्टर गुस्से में आ गया और उसने कहा कि आप खुद ही इलाज कर लो। इस दौरान रिंकल को अचानक दौरा पड़ा और वह बेहोश हो गया। वह उसे लेकर मैडिसिन वार्ड में चला गया। इसके बाद सर्जरी विभाग के इसी डॉक्टर से आग्रह किया कि वह कम से कम एक बार तो रिंकल को देख लें। इस पर डॉक्टर आगबबूला हो गया। उसने उसके हाथ से ओ.पी.डी. स्लिप छीनी और फाड़ दी। इसके बाद दुर्व्यवहार भी किया। उसने डॉक्टर की शिकायत सर्जरी विभाग के मुखी डा. बलदेव से की। उन्होंने डाक्टर को बुलाकर पूछा तो उसने दुर्व्यवहार करने व ओ.पी.डी. स्लिप फाडने की बात से इंकार कर दिया। इस संबंध में वार्ड के इंचार्ज डाक्टर बलदेव सिंह ने कहा कि कई बार मरीज ज्यादा होने की वजह से डाक्टर अपना वार्ड छोड़ नहीं सकते। उन्होंन रिंकल के उपचार की व्यवस्था करवा दी है।

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